| 1. | इस धर्मसूत्र का उपलब्ध रूप अनेक प्रक्षेपों से युक्त है।
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| 2. | आरंभिक और प्रथम उपलब्ध रूप कहा जा सकता है ।
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| 3. | इस धर्मसूत्र का उपलब्ध रूप अनेक प्रक्षेपों से युक्त है।
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| 4. | भारतीय कोशविद्या का यह प्राचीनतम उपलब्ध रूप यद्यपि गद्य बद्ध
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| 5. | इस धर्मसूत्र का उपलब्ध रूप अनेक प्रक्षेपों से युक्त है।
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| 6. | वैदिक भाषा अभ्रांत रूप से संस्कृत भाषा का आद्य उपलब्ध रूप है।
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| 7. | लिपि का प्राचीनतम उपलब्ध रूप भास्करवर्मन का 610 ई. का ताम्रपत्र है।
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| 8. | लिपि का प्राचीनतम उपलब्ध रूप भास्करवर्मन का 610 ई. का ताम्रपत्र है।
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| 9. | लिपि का प्राचीनतम उपलब्ध रूप भास्करवर्मन का 610 ई. का ताम्रपत्र है।
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| 10. | ऋक्संहिता की भाषा को संस्कृत का आद्यतम उपलब्ध रूप कहा जा सकता है।
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